क्या न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक को भारतीय रिज़र्व बैंक ने बंद कर दिया है
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में मुंबई में स्थित न्यू इंडिया को ऑपरेटिव बैंक के बोर्ड को बर्खास्त कर दिया है और बैंक के जमाकर्ताओं के लिए अगले छह महीनों तक धन निकासी पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह कदम बैंक में पाए गए वित्तीय अनियमितताओं और जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा के लिए उठाया गया है।
RBI ने श्रीकांत जो पहले भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक थे उनको बैंक का प्रशासक नियुक्त किया है। और साथ ही एक सलाहकार समिति का गठन किया गया है जिसमें रविंद्र सप्रा जो पूर्व महाप्रबंधक थे SBI के और अभिजीत देशमुख जो की एक चार्टर्ड अकाउंटेंट है इन सब को शामिल किया हैं जो प्रशासक को उनके कार्यों में सहायता करेंगे।
बैंक के वित्तीय आंकड़ों के अनुसार 31 मार्च 2024 तक बैंक के पास 2436 करोड़ रुपये की जमा राशि और 1175 करोड़ रुपये के अग्रिम थे। हालांकि पिछले दो वित्तीय वर्षों में बैंक को लगातार नुकसान हुआ है जिसमें वित्तीय वर्ष 2024 में 23 करोड़ रुपये का नुकसान शामिल है।
RBI के इस निर्णय के बाद कई जमाकर्ता बैंक की शाखाओं के बाहर एकत्रित हुए जो उनकी चिंताओं को दर्शाता है। यह कदम जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा और बैंकिंग प्रणाली में विश्वास बनाए रखने के लिए आवश्यक था।
यह घटना सहकारी बैंकों में शासन और पारदर्शिता के महत्व को बनाए रखने में मदद करती है। सहकारी बैंकिंग प्रणाली का उद्देश्य सदस्यों के आर्थिक हितों की रक्षा करना है लेकिन इस प्रकार की घटनाएं इस उद्देश्य को बाधित करती हैं।
जमाकर्ताओं के लिए यह समय कठिनाई भरा हो सकता है लेकिन RBI द्वारा उठाए गए कदम बैंकिंग प्रणाली की स्थिरता और जमाकर्ताओं के धन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हैं।

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